गंगौर महोत्सव
गंगौर महोत्सव गंगौर महोत्सव सबसे रंगीन बिरंगा और राजस्थान के लोगों के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। यह त्यौहार भगवान शिव और उनकी पत्नी पार्वती को समर्पित है। “गन” भगवान शिव के लिए है और “गौर” देवी गौरी के लिए है वह त्यौहार हिंदू कैलेंडर महीने “चैत्र” के पहले दिन शुरू होता है। नवविवाहित लड…
राजस्थान की बहु रंग संस्कृति
राजस्थान के हस्तशिल्प मेले में आप राजस्थान के कलाकारों की असाधारण शिल्प कौशल देख सकते हैं। इस मेले में आप अनन्य चीजे जैसे राजस्थानी कढ़ाई, कुंदन गहने, मीनाकारी गहने, मिरर काम कपड़े और अन्य वस्तुवे देख सकते हैं। यदि आप जैसलमेर के मशहूर रेगिस्तान महोत्सव में जाते हैं तो आपको यहाँ कई आश्चर्यजनक चीजे द…
राजस्थान की वार्षिक मेले
राजस्थान की वार्षिक मेले राजस्थान के कई मेले और त्यौहार हैं जो लोगों के विभिन्न संस्कारों और अवसरों पर मनाए जाते हैं। पुष्कर मेले या ऊंट फेयर जैसे मेले, हस्तशिल्प मेला, डेज़र्ट महोत्सव राजस्थान के कुछ प्रमुख मेले और त्यौहार हैं। इन त्यौहारों को बहुत खुशी से मनाया जाता है और पूरे विश्व के पर्यटक यहा…
राजस्थान के मेले और त्योहार
राजस्थान बेहद रंगीन राज्य है। राजाओं और राजपूतो का गड होने के नाते यहाँ आपको अनेको रीति-रिवाजों और त्योहारों की एक विस्तृत श्रृंखला दिखेगी । वर्ष के विभिन्न समयों में राजस्थान की यात्रा का एक अलग कारण है। राजस्थान के लोग विभिन्न त्यौहारों के दौरान स्थानीय लोक गीतों और नृत्य करते हैं।
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• लोह पोल, यह किले का अंतिम द्वार है जो किले के परिसर के मुख्य भाग में बना हुआ है। इसके बायीं तरफ ही रानियो के हाँथो के निशान है, जिन्होंने 1843 में अपनी पति, महाराजा मान सिंह के अंतिम संस्कार में खुद को कुर्बान कर दिया था। इस किले के भीतर बहुत से बेहतरीन चित्रित और सजे हुए महल है। जिनमे मोती महल, …
इस किले में कुल सात दरवाजे है। जिनमे से सबसे प्रसिद्ध द्वारो का उल्लेख निचे किया गया है :
इस किले में कुल सात दरवाजे है। जिनमे से सबसे प्रसिद्ध द्वारो का उल्लेख निचे किया गया है : • जय पोल (विजय का द्वार), इसका निर्माण महाराजा मान सिंह ने 1806 में जयपुर और बीकानेर पर युद्ध में मिली जीत की ख़ुशी में किया था। • फ़तेह पोल , इसका निर्माण 1707 में मुगलों पर मिली जीत की ख़ुशी में किया गया। • डेढ़…